सपनोंका शहर और माया नगरी नाम जानने वाला शहर हे आज की मुंबई(Mumbai)। जो शहर भारत देश का कमर्सिअल कैपिटल भी कहलाता हे,इस शहर में एंटरटेनमेंट की सबसे बड़ी इंडस्ट्री भी हे बॉलिवुड। एक टाइम ऐसा भी था की पोर्तुगीज राजा की तरफ से अपनी बेटी की शादी में दहेज़ में दिया गया था।
दहेज़ का चलन हमारे देश में कशी सदियोंसे चल रहा हे ,पुराने समय में देश में दहेज़ का चलन बहुत बड़े पैमाने पर होता। सोना, चांदी ,गाड़ी, पैसा दहेज़ में दिया जाता हे, मगर ३५० साल पहले एक समय ऐसा था, की मुंबई शहर की ही दहेज़ में दिया गया।
इसके पाहिले आपको मुंबई का रोचक इतिहास जानना जरुरी हे।
१६०० सदी के पाहिले की मुंबई
१६०० सदी में मुंबई आज के जैसा नहीं था,मुख्य रूप से सात द्वीपोंसे मिलकर बना था। उसमे माहिम, वरली,परेल,माज़गाव,कोलाबा, लिटिल कोलाबा और मुंबई। ये एक दूसरे जुड़े नहीं थे।
तीसरी सदी बी. सी. इ. से साल १३४८ के बिच कशी हिंदी राजवंश द्वारा शासन किया गया।
साल १३९१ से साल १५३४ तक राजा सातवाहना ने शासन किया।
दक्षिण कोकण,मुंबई और सरे द्विपों पर सत्ता गुजरात के सल्तनत सुल्तान बहादुर शहा के पास थी। एसी दौरान यहाँयूरोपियंस का आगमन हुआ। साल १४९८ में भारत पोहचने वाले पाहिले पोर्तुगीज हे वास्को द गामा।
पोर्तुगीज की सत्ता
व्यापारी के रूप में भारत आने के बाद दक्षिण कोकण में अपना पावर जमाना चालू कि पुरे दक्षिण कोकण में सत्ता हासिल की।
साल १५१० में बीजापुर के सुल्तान को हराकर गोवा छीन लिया। पोर्तुगीज ने गोवा में अपनी सत्ता मजबूत की थी।
लोरा फ्रांसिस्को डेलमिया नामक पोर्तुगीज कन्नूर अपनी जहाज लेकर समुन्दर के रास्ते पहिली बार मुंबई के लगत द्वीप पर आया था।
गोवा की तरह मुंबई के द्वीपों पर भी एक एक करके कब्जा ज़माने लगे। साल १५३३ पहिली बार कोकण पर कब्ज़ा जमाया,उसके बाद अन्य द्वीपों पर। मुंबई के सब द्वीपों पर साल १६०० के बिच तक पूरी तरह से सत्ता हासिल की थी। अब मुंबई पोर्तुगीज के हातों में था।
मुंबई पर ब्रिटिशोंकी नजर
साल १५८३ पहिली बार मुंबई में कदम रखा। मुंबई और द्वीप चारो तरफ से पानी से घिरे होने कारन नैसर्गिक बंदर पर्यावरण बना था। और द्वीप चारों तरफ से पानी में होने कारन जमीन से होने वाले हमलोंसे भी बचा जा सकता था। इसलिए ब्रिटिशोंकी पाहिले ही नजर थी। इधर एक महत्वपूर्ण नौसेना का बेस बनाना चाहती थी।
साल १६१२ में ब्रिटेन और पोर्तुगीज में Battle Of Swally जंग हुई। इस जंग में पोर्तुगीज सैनिकोंकी बुर तरह से हर हो गई। ब्रिटिश की जित के बाद मुंबई को हासील करने की चायत और भी बाद गई।क्यों की अभी तक मुंबई पर पोर्तुगीज की सत्ता थी।